Hyderabad तक साया: Bondi Beach Attack का चौंकाने वाला कनेक्शन

संजीव पॉल
संजीव पॉल

14 दिसंबर को ऑस्ट्रेलिया के Sydney स्थित Bondi Beach पर हुए भीषण आतंकी हमले को लेकर एक नया और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।
तेलंगाना पुलिस के मुताबिक, यहूदियों पर अंधाधुंध फायरिंग करने वाला मुख्य शूटर साजिद अकरम मूल रूप से हैदराबाद का रहने वाला है।

यह जानकारी सामने आने के बाद जांच अब सिर्फ ऑस्ट्रेलिया तक सीमित नहीं रही, बल्कि इंटरनेशनल लिंक के एंगल से आगे बढ़ाई जा रही है।

Student Visa से Settlement तक: साजिद अकरम की पूरी प्रोफाइल

बैकग्राउंड वेरिफिकेशन में सामने आया है कि साजिद अकरम ने हैदराबाद से B.Com की पढ़ाई पूरी की। 1998 में Student Visa पर Australia गया। बाद में वहीं स्थायी रूप से सेटल हो गया। आखिरी बार 2022 में हैदराबाद आया था।

पुलिस के अनुसार, शुरुआती वर्षों में उसका रिकॉर्ड सामान्य था, लेकिन बाद के सालों में उसके व्यवहार और संपर्कों में बदलाव देखा गया।

परिवार, शादी और दूसरा चेहरा

साजिद अकरम ने यूरोपीय मूल की महिला Wenro Gross से शादी की थी। दंपति के एक बेटा एक बेटी। दोनों Australia में जन्मे हैं और वहीं के नागरिक हैं।
पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि साजिद का बेटा नवीद अकरम भी इस आतंकी हमले में एक हमलावर था।

“हमने सालों पहले रिश्ते तोड़ लिए थे” – परिवार का बयान

हैदराबाद में मौजूद साजिद अकरम के परिजनों ने बताया कि उन्होंने कई साल पहले उससे सभी रिश्ते तोड़ लिए थे। परिवार को उसके कट्टरपंथी बनने की कोई जानकारी नहीं थी।

परिजनों के मुताबिक, जब उन्हें यह पता चला कि बेटा और पोता आतंकी हमले में शामिल हैं, तो पूरा परिवार सदमे में चला गया।

“हमें यकीन ही नहीं हो रहा कि हमारे परिवार से जुड़े लोग ऐसा कर सकते हैं” — परिजन

हमले की भयावह तस्वीर

14 दिसंबर को Bondi Beach पर उत्सव मना रहे यहूदियों को निशाना बनाया गया। साजिद अकरम और उसके बेटे नवीद ने— अंधाधुंध फायरिंग की 10 साल की बच्ची से लेकर 82 साल के बुजुर्ग तक मारे गए। कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए। यह हमला ऑस्ट्रेलिया के हालिया इतिहास के सबसे दर्दनाक आतंकी हमलों में गिना जा रहा है।

जांच जारी, इंटरनेशनल एजेंसियां अलर्ट

ऑस्ट्रेलियाई एजेंसियों के साथ-साथ तेलंगाना पुलिस और भारतीय सुरक्षा एजेंसियां भी सूचनाओं का आदान-प्रदान कर रही हैं।
अधिकारियों का कहना है कि जांच पूरी होने तक किसी निष्कर्ष पर पहुँचना जल्दबाज़ी होगी। Radicalisation के नेटवर्क और फंडिंग एंगल की भी जांच हो रही है।

एक सख्त सच्चाई

यह मामला याद दिलाता है कि कट्टरपंथ सीमा नहीं देखता, और समय रहते संकेत न पहचाने जाएं, तो नतीजे पूरी दुनिया को झकझोर देते हैं।

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